भारत का ब्राजील के फोड डू इगुआकू में आयोजित वर्ल्ड कप अभियान 6 पदकों के साथ समाप्त हुआ। भारतीय मुक्केबाजों ने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया जिसमें हितेश द्वारा जीता गया गोल्ड पदक भी शामिल है। भारत विश्व मुक्केबाजी द्वारा आयोजित किसी शीर्ष स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पहली बार हिस्सा ले रहा था।
हितेश ने इस टूर्नामेंट में गोल्ड अपने नाम किया और वह विश्व मुक्केबाजी कप में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बन गए। दरअसल, उनके प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के ओडेल कामारा चोटिल हो गए थे और शनिवार को 70 किग्रा वर्ग के फाइनल के लिए रिंग में नहीं उतर सके। भारतीय मुक्केबाज अभिनाश जामवाल ने भी 65 किग्रा वर्ग के फाइनल में जगह बनाई, लेकिन स्थानीय दावेदार यूरी रेइस को कड़ी टक्कर देने के बावजूद उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
हितेश ने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय टूर्नामेंट से पहले ब्राजील में आयोजित 10 दिवसीय तैयारी शिविर को दिया जिससे उन्हें और टीम को बहुत मदद मिली। हितेश ने कहा कि, शिविर ने मुझे कुछ रणनीतिक बारीकियां सीखने में मदद की जिससे मुझे प्रतियोगिता में बहुत मदद मिली। इस टूर्नामेंट ने हमें उच्चतम स्तर का अनुभव प्रदान किया और मुझे खुशी है कि मैं गोल्ड मेडल जीत सका।