बिहार सरकार ने राज्य मंत्री और उप मंत्री के लिए अपना खजाना खोल दिया है। राज्य मंत्री और उप मंत्री के पदों पर बैठे लोगों के वेतन और भत्तों में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की अनुमति दे दी गई है। एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। विधान सभा और विधान परिषद में विभिन्न दलों के सचेतक, विभिन्न राज्य आयोगों और बोर्डों के अध्यक्ष और सदस्यों को बिहार में राज्य मंत्री के समान दर्जा, वेतन और भत्ते प्राप्त होते हैं।
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उपसभापति और उप मुख्य सचेतक के पद उप मंत्री के समकक्ष हैं। कैबिनेट बैठक के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव (कैबिनेट सचिवालय) एस सिद्धार्थ ने संवाददाताओं को बताया कि राज्य मंत्री और उप मंत्री स्तर के पदों पर बैठे लोगों को अब 65,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा, जो पहले 50,000 रुपये मासिक वेतन से 15,000 रुपये अधिक है। उनका स्थानीय भत्ता 55,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, दैनिक भत्ता 3,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दिया गया है, जबकि आतिथ्य भत्ता 2 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दिया गया है।
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उनका स्थानीय भत्ता 55,000 रुपये से बढ़ाकर 70,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया है, दैनिक भत्ते 3,000 रुपये से बढ़ाकर 3,500 रुपये कर दिए गए हैं, जबकि राज्य मंत्री स्तर के पदों पर बैठे लोगों के लिए आतिथ्य भत्ता 24,000 रुपये से बढ़ाकर 29,500 रुपये कर दिया गया है। सिद्धार्थ ने बताया कि उप मंत्री स्तर के पदों के लिए आतिथ्य भत्ता 23,500 रुपये से बढ़ाकर 29,000 रुपये कर दिया गया है। पहले बिहार में तीन तरह के मंत्री हुआ करते थे- कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और उप मंत्री। फिलहाल राज्य सरकार में उप मंत्री का प्रावधान नहीं है। नीतीश कुमार कैबिनेट में फिलहाल एक भी राज्य मंत्री नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में सभी मंत्री कैबिनेट मंत्री हैं।